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Showing posts from May, 2020

कबीर परमेश्वर को 52 बार मारने का प्रयास किया गया

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हेलो दोस्तो मेरा नाम जसवंत सिंह आज आपको कुछ ऐसा बताने जा रहा हूं जिसको आप सुन कर अश्चकित हो जाओगे । आईये जानते हैं   कबीर परमेश्वर को 52 बार मारने का प्रयास किया गया शेखतकी द्वारा कबीर साहेब को गुंड़ों से मरवाने की  कुचेष्टा निष्फल -             कबीर साहेब के काशी आने के बाद शेखतकी ने सोचा कि यह कबीर तो किसी भी प्रकार नहीं मर रहा। वह कबीर साहेब को मारने के लिए रात्रा के समय कुछ गुंडों को साथ लेकर कबीर साहेब की झोपड़ी पर गया। कबीर साहेब सो रहे थे। शेखतकी ने गुंडों से कहा कि इसके टुकड़े-टुकड़े कर दो। गुंडों ने तलवार से पू                         कबीर साहेब जी के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और अपनी तरफ से मरा हुआ जानकर चल पड़े। जब वे झोपड़ी से बाहर निकले तो पीछे से कबीर साहेब ने उठकर कहा कि पीर जी, दूध पीकर जाना। ऐसे थोड़े ही जाते हैं। शेखतकी व उसके गुंडों ने सोचा कि यह भूत है। वहाँ से भाग गये। उन गुंडों को तो बुखार हो गया। कई दिन तक बुखार नहीं उतरा। कबीर साहेब उनके पास गये और उनको ठीक किया तथा कहा कि यह पीर तुम्हें मरवा कर छोड़ेगा, यह तुम्हें गुमराह कर रहा है। तब उन्होंने कबीर साह

कबीर साहेब जी चारो युग में आते हैं

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कबीर साहेब का परिचय: -                                     विक्रम संवत 1455 (सं। 1398) ज्येशठ मास की पूर्णिमा सुबह-सुबह ब्रह्ममुहूर्त में वह पूर्णदेव कबीर (कविदेव) जी स्वयं अपने मूल स्थान सतलोक से आये कशी में लहर तरलेब के अंदर कमल के फूल पर एक लड़के का रूप धारण किए हुए हैं। कबीर साहेब जी चारो युग में आते हैं: - सतयुग में  सातसुक्रत कह तेरा, त्रेता नाम मुनिंद्र मेरा।  ड्वापर में करुणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया ।। सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारो युग प्रमाण। झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान ।। "सतयुग कविदेव (कबीर साहेब) सत सुकृत नाम से प्रकट हुए" पूर्ण प्रभु कबीर जी (कविदेव) सतना में सत सुकृत के नाम से स्वयं प्रकट हुए थे | उस समय गरुड़ जी, श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी, और श्री शिव जी आदि को सत्य ज्ञान था श्री मुनि महर्षि जी को भी तत्वज्ञान समझाना चाहा था | लेकिन श्री मुनि जी ने भगवान के ज्ञान को सत ना जान कार ब्रह्मा जी से सुने वेद ज्ञान पर आधारित होकर और अपने द्वारा निकले वेदों पे निष्कर्ष पर ही आरुढ रहे होंगे। इसके विपरीत भगवान सत सुकृत | जी का

खराब शिक्षा पद्धति

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खराब शिक्षा पद्धति                         भारत में जो शिक्षा पद्धति प्रचलित है, उसके कई पक्षों में सुधार की आवश्यकता है। हमारी शिक्षा व्यवस्था पर एक वृहत् जनसमूह को शिक्षित करने का दायित्व है। साधन और संसाधन बहुत सीमित हैं, परिस्थितियाँ भी अनुकूल नहीं हैं, फिर भी हम लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर प्रयत्नशील हैं। फिर भी हम दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ें तो इस निराशाजनक स्थिति से उभर सकते हैं। अगर कुछ चुनौतियों की बात करें तो - 'सबके लिए शिक्षा' की सुविधा उपलब्ध करवाना                                                                     शिक्षित व्यक्ति से यह अपेक्षा की जानी चाहिए कि वह इस लक्ष्य प्राप्ति में सहयोग प्रदान करे। 'हर एक सिखाता है एक' का नारा इस दिशा में सफलता दिला सकता है। इसके लिए सरकारी तंत्र के साथ स्वयंसेवी और सामाजिक संगठनों को भी जोड़ना होगा। विद्यालयों में संख्यात्मक नामांकन की वृद्धि की बजाय न्यूनतम अधिगम स्तर पर ध्यान दिया जाना चाहिए।    स्वतंत्रता के बाद हमने सबके लिए शिक्षा प्राप्ति पर तो ध्यान दिया, पर सबके लिए समान गुणवत्ता वाली शिक्षा

Nostradamus prophecy

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क्या आपको 🤔 पता है भविष्यवाणी क्या होती है❓ये सच भी होता है या नहीं। आईए आज इसी बात पर चर्चा करते हैं भविष्यवाणी क्या होती है किसी मसीहा को जो संदेश मिलता है वो उन्हे दूसरों को दिखाता है। इसे ही पूर्वानुमान या 'प्रोफेसी' कहते हैं। ऐसे संदेशों के अन्तर्गत दैवी प्रेरणा, अर्थ समझाना, या आने वाली घटनाओ को पहले ही बता देना आदि आते हैं। इस प्रक्रिया में प्रोफेट की तरफ से भी दैवी स्रोत से कुछ पूछा या शंका प्रकटित की जाती है।  अब आपको हम ये भी बताते हैं की क्या ये सच भी होता है बताये विश्व विजयेता संत: - "(संत रामपाल जी महाराज की मुख में हिन्दुस्तान विश्व धर्मगुरु के रूप में प्रतिष्ठित होगा) "संत रामपाल जी के विषय में" नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी "फ्रेंच (फ्रांस) देश के नास्त्रेदमस नामक प्रसिद्ध भविष्यवक्ता ने अनुमानित (इ.स.) 1555 में एक हजार श्लोकों में भविष्य की सांकेतिक शनि भविष्यवाणियों लिखी हैं। सौ - सौ श्लोकों के दस। शतक बनाए हुए हैं। वर्तमान से अब तक सभी सिद्ध हो चुके हैं। हिंदुस्तान में हो चुकी भविष्यवाणी : -  1. भारत की पहली महिला प्रधानमन

संस्कारों का पतन

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संस्कारों का पतन 🙏😔...                                     वर्तमान में समाज सभ्यता की भाग दौड़ में अपने संस्कारों को पूर्ण रूप से भूल गया संस्कार ही भक्ति का श्रेष्ठ पाए हैं भक्ति के नियम आवश्यक है लेकिन बारी देशों की संस्कृति को देखकर भारतीय अपने पूर्वजों की दी हुई विरासत अपने संस्कारों को भूल चुका है प्रभु से अनजान है मनुष्य को यह वर्तमान में अहसास की नहीं हे की जीवन में खुदा का क्या महत्व है हम सभी को भक्ति करनी चाहिए यही हमारे जीवन का उद्देश्य हे मनुष्य को यह वर्तमान में अहसास की नहीं हे की जीवन में खुदा का क्या महत्व है हम सभी को भक्ति करनी चाहिए यही हमारे जीवन का उद्देश्य हेपरन्तु संस्कार के विनाश स्वरूप सब अस्त व्यस्त हो गया हे हम बाहरी सभ्यता को ग्रहण करने लग गए ना जाने क्यों बार बार भुल जाते हे की दुखो का अंत प्रभु। जैसे :-           विवाह के पश्चात् ससुराल में कुछ लड़कियाँ सर्व श्रृंगार करती हैं । सज - धजकर गलियों से गुजरती हैं । अजीबो - गरीब हरकत करती हैं । असहज लगने वाले भड़कीले - चमकीले वस्त्र पहनकर बाजार या खेतों में या पानी लेने नल या कुएं पर जाती हैं ।

दहेज प्रथा

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दहेज प्रथा के कारण इंसान जब लालच की गहरी खाई में गोते लगाता है, तो वह इंसानियत को रौंदते हुए शैतान की भाषा बोलने लगता है। 'दहेज प्रथा' इसी का एक अप्रितम उदाहरण है। दहेज प्रथा का इतिहास तो काफी पुराना है लेकिन मौजूदा वक्त में यह एक नामक बिमारी का रूप ले चुका है। अब तक हमारे समाज में ना जाने कितने घरों को इसने बर्बाद कर दिया है। समाज के तमाम बुद्धिजीवी वर्ग आज दहेज प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं। भारत के किसी भी वर्ग के परिवार में आपको इसका विचार मिल जाएगा। खासतौर पर समृद्ध परिवारों में दहेज लेने की अधिक होड़ लगी रहती है। अब इसका प्रभाव गाँवों, शहरों और महानगरों में भी दिखने लगा है। लोग यह समझ ही नहीं पाते कि दहेज लेना और देना दोनों ही गुनाह है। भारतीय दंड संहिता भी अपराधी का सहयोग करने वाले को अपराधी मानती है। जब पाश्चत्य संस्कृति की बात आती है, तो हम अंग्रेज़ों को कोसते हुए कहते हैं कि उन्होंने हमारी सभ्यताओं को बिगाड़ दिया है लेकिन हम उनकी अच्छीईयों का ज़िक्र करना ही नहीं चाहते हैं। हम यह तो नहीं कहते हैं कि अंग्रेज़ क्यों नहीं दहेज लेते थे। एक पिता बहुत लाड़-

Stop Killing Animals

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Never kill animals for eating meat Eating meat is forbidden in all the scriptures, but today people consider eating meat as a work of virtue, but they do not know how harsh punishment they will get for this, after all the animal is also a child of God.  Meat is not food for human. Stop eating meat. "Allah Kabir"  ji says that - : Whoever eats meat is a demon, whether he is a Hindu or a Muslim or a Sikh or a Christian Stop Killing Animals to taste your tongue. For more information click on the link below 👇 https://youtu.be/v8AtJLRHsPs

Jagatguru

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Adultery is the prohibited jagatguru                 Sant Rampal Ji Maharaj                               For more information click on the                                     Link the below                                                👇                                         www.Supremegod.org                         

Allah_Not_Allowed_EatMeat(अल्लाह ने मांस खाने की अनुमति नहीं दी)

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मास खाने का आदेश परमेश्वर का नहीं है पूर्ण परमात्मा ने माँस खाने का आदेश कभी नहीं दिया। पवित्र बाईबल उत्पत्ति विषय में सर्व प्राणियों के खाने के विषय में पूर्ण परमात्मा का प्रथम तथा अन्तिम आदेश है कि मनुष्यों के लिए फलदार वृक्ष तथा बीजदार पौधे दिए हैं जो तुम्हारे खाने के लिए हैं तथा अन्य प्राणियों को जिनमें जीवन के प्राण हैं उनके लिए छोटे-छोटे पेड़ अर्थात् घास, झाड़ियां तथा बिना फल वाले पेड़ आदि खाने को दिए हैं। (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:29,1:28) इसके बाद पूर्ण प्रभु का आदेश न पवित्र बाईबल में है तथा न किसी कतेब (तौरत, इंजिल, जुबुर तथा कुरान शरीफ) में है। इन कतेबों में ब्रह्म (काल), उसके फरिश्तों तथा पित्तरों व प्रेतों का मिला-जुला आदेश रूप ज्ञान है। प्रमाण-2:12,17,18 एक आत्मा किसी में प्रवेश करके बोल रही है। हम उन लोगों में से नहीं है जो परमेश्वर के वचनों में मिलावट करते।जीसस में अन्य फरिश्ता और अन्य आत्मा भी बोलते हैं जो अपनी तरफ से मिलावट करके बोलती है। यही कारण है कि बाईबल तथा क़ुरान शरीफ (मजीद) में मांस खाने का आदेश अन्य आत्माओं का है, प्रभु का नहीं है। पृथ्वी पर मौजू

Shrimad Bhagwat Gita

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Shrimad bhagavad gita adhyay 2, shlok 10-16, On seeing grief-stricken arjun, god smilingly said It is not that you, all these soldiers, and I were never there before or will never be. We all are in the cycle of life-death.   Click on the link below to read the holy book Geeta Tera Gyan Amrit 👇👇 https://www.jagatgururampalji.org/gita_tera_gyan_amrit_full.pdf           

Major Regions of the Brain

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The cerebrum, the cerebellum, and the brain stem are the three major regions of the brain visible from the exterior.the 5 major regions of the brain:-These areas are: Occipital lobe, Temporal lobe, Parietal lobe, Frontal lobe. Cerebral cortex, Cerebellum, Hypothalamus,Thalamus,Pituitary gland, Pineal gland, Amygdala, Hippocampas and the Mid- brain. The image below indicates where the areas are.the most important part of the brain:-The medulla is easily the most important part of the brain. We would not be able to live without the medulla because of the crucial task it performs including regulating blood pressure and breathing. As part of the brain stem, it also helps transfer neural messages from the brain to the spinal cord.

Effects of alcohol

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Intoxication is a curse Hello friends I am Jaswant Singh Today we will talk about the first addiction inside the society, the use of drugs destroys the wealth of someone, respect of someone and peace of the whole family.  That person will lead a hellish life.  A person should immediately release all defects.