Nostradamus prophecy

क्या आपको 🤔 पता है भविष्यवाणी क्या होती है❓ये सच भी होता है या नहीं।

आईए आज इसी बात पर चर्चा करते हैं

भविष्यवाणी क्या होती है
किसी मसीहा को जो संदेश मिलता है वो उन्हे दूसरों को दिखाता है। इसे ही पूर्वानुमान या 'प्रोफेसी' कहते हैं। ऐसे संदेशों के अन्तर्गत दैवी प्रेरणा, अर्थ समझाना, या आने वाली घटनाओ को पहले ही बता देना आदि आते हैं। इस प्रक्रिया में प्रोफेट की तरफ से भी दैवी स्रोत से कुछ पूछा या शंका प्रकटित की जाती है।
 अब आपको हम ये भी बताते हैं की क्या ये सच भी होता है बताये


विश्व विजयेता संत: -

"(संत रामपाल जी महाराज की मुख में हिन्दुस्तान विश्व धर्मगुरु के रूप में प्रतिष्ठित होगा)
"संत रामपाल जी के विषय में" नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी "फ्रेंच (फ्रांस) देश के नास्त्रेदमस नामक प्रसिद्ध भविष्यवक्ता ने अनुमानित (इ.स.) 1555 में एक हजार श्लोकों में भविष्य की सांकेतिक शनि भविष्यवाणियों लिखी हैं। सौ - सौ श्लोकों के दस। शतक बनाए हुए हैं। वर्तमान से अब तक सभी सिद्ध हो चुके हैं।


हिंदुस्तान में हो चुकी भविष्यवाणी : -

 1. भारत की पहली महिला प्रधानमन्त्री बहुत प्रभावशाली व दृढ़ता होगी (यह संकेत स्व। श्रीमती इंदिरा गांधी की ओर है) और उनकी मृत्यु की आशंका द्वारा लिखी गई थी, जो सत्य हुई।
2. उसके पश्चाताप के अनुसार उसी के पुत्र उनका उत्तराधिकारी होगा और वह बहुत कम समय तक राज्य करेगा और आकस्मिक मृत्यु को प्राप्त होगा, जो जो सच्चा हुआ। (पूर्व प्रधानमन्त्री स्व। श्री राजीव गांधी जी के विषय में)।
3. संत रामपाल जी महाराज के विषय में भविष्यवाणी नास्त्रेदमस द्वारा जो विस्तार पूर्वक लिखी हैं।


भविष्यवाणी जो फ्रांस देश के वासी श्री नास्त्रेदमस ने की थी। जिस के विषय में मद्रास के एक ज्योतिषशास्त्र के। एस। कृष्णमूर्ति ने कहा है कि श्री नास्त्रेदमस जी द्वारा सन् 1555 में लिखी भविष्यवाणियों का यथार्थण "सन् 1998 में महाराष्ट्र में एक ज्योतिष शास्त्री करेगा। वह ज्योतिष शास्त्री नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों का सांकेतिक भाषा का मानकीकरण कर लिखित भविष्य की घटनाओं का अर्थ देता है। प्रकाशित किया जाएगा।
"उसी ज्योतिषशास्त्री द्वारा वास्तविक अनुवाद की गई पुस्तक से शब्द के शब्दों में पढ़ें।

1. नेता (शायरन) दुनिया को अधप मालूम होना है, बस देखना रहो।

2. (पृष्ठ 40 पर फिर लिखा गया है): - ठहरो रामराज्य (स्वर्ण युग) आ रहा है। जून आई.एस. 1999 से ई.एस. 2006 तक चलने वाली उत्क्रांति में स्वर्णयुग का उत्थान होगा। हिन्दुस्तान में उदयन होने वाला तारणधर शायरन दुनिया में सुख समृद्धि और शान्ति प्रदान करेगा। नास्त्रेदमस जी ने निःसंदेह ने कहा है कि प्रकट होने वाला शायरन (CHYREN) अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन वह क्रिश्चन या चार्ल्समैन हरगिज नहीं है। वह हिंदू हिंदू ही होगा और मैं नास्त्रेदमस उसका अभी छाती ठोक कर अभिकृत करता हूं क्योंकि उस दिव्य स्वतंत्र सूर्य शायरन का उदय होते ही पहले पहले वाले विद्वान कहलाने वाले महान लोगों को तटस्थप्रभ होकर उसके सामने नम्र बनना पड़ेगा। वह हिन्दुस्तानी महान तत्वद्रष्टा संत सभी को उत्साहित राज्य प्रदान करेगा। वह समान कायदा, समान नियम बनाएगा, स्त्री - पुरुष में, अमीर - गरीब में, जाति और धर्म में कोई भेद नहीं - भाव नहीं: किसी पर अन्याय नहीं होगा। उस तत्व दर्शी संत का सर्व जनता विशेष सम्मान करेगा। माता - पिता तो आदरणीय होते ही हैं लेकिन अध्यात्म और पवित्रता के आधार पर उस शायरन (तत्वदर्शी संत) का माता - पिता से भी अलग श्रद्धा स्थान होगा। नास्त्रेदमस स्वयं ज्यू वंश का था और फ्रांस देश का नागरिक था। उसने क्रिश्चन धर्म स्वीकार कर लिया था, फिर भी नास्त्रेदमस ने निःसंदेह कहा है कि प्रकट होने वाला शायरन केवल हिन्दू ही होगा।

           

 3. (पृष्ठ 41 पर): - सभी को समान कायदा, नियम, अनुशासन पालन करवा कर सत्य पथ पर लाएगा। मैं (नास्त्रेदमस) एक बात निर्विवाद सिद्ध करता हूं वह शायरन (धार्मिक नेता) नया ज्ञान प्राप्त करेगा। वह सत्य मार्ग दर्शन कर पाने वाला तारणधर एशिया खण्ड में जिस देश के नाम महासागर (हिंद महासागर) है। उसी नाम वाले (हिन्दुस्तान) देश में जन्म लेगा। वह ना क्रिश्चन, ना हार्डवेयरमैन, ना ज्यू होगा वह हिन्दूदेह हिन्दू होगा। अन्य भूतपूर्व धार्मिक प्रमुखों से महतर बुद्धिमान होगा और अजिंकय होगा। (नास्त्रेदमस भविष्य के शतक 6 श्लोक 70 में महत्वपूर्ण संकेत संदेश बता रहा है) कि से सभी प्रेम करेगें। उसका बोल बाला रहेगा। उसका डर भी बना रहेगा। कोई भी अपकृत्य करना नहीं सोचेगा। उसका नाम व कीर्ती त्रिखण्ड में गुंजेगी अर्थात् आकाशों के पार उसकी महिमा का बोल - बाला होगा। अब तक अज्ञान निंद्रा में गाए सोए हुए समाज को तत्व ज्ञान की रोशनी से जगा करेंगे। सर्व मानव समाज हड़बड़ा कर जागेगा। उसके तत्व ज्ञान के आधार से भक्ति साधना करेगा। सर्व समाज से सत्य साधना करेंगे। जिस कारण सभी साधकों को अपने आदि अनादि स्थान (सत्यलोक) में अपने पूर्वजों के पास ले जा कर वहाँ स्थाई स्थान प्राप्त करवाते (वारिस बनाएगा)। इस क्रुर भूमि (काल लोक) से करवाए यह शब्द बोल उठेगा। साधना करवाएगा। जिस कारण सभी साधकों को अपने आदि अनादि स्थान (सत्यलोक) में अपने पूर्वजों के पास ले जा कर वहाँ स्थाई स्थान प्राप्त करवाते (वारिस बनाएगा)। इस क्रुर भूमि (काल लोक) से करवाए यह शब्द बोल उठेगा। साधना करवाएगा। जिस कारण सभी साधकों को अपने आदि अनादि स्थान (सत्यलोक) में अपने पूर्वजों के पास ले जा कर वहाँ स्थाई स्थान प्राप्त करवाते (वारिस बनाएगा)। इस क्रुर भूमि (काल लोक) से करवाए यह शब्द बोल उठेगा।

         

इससे सिद्ध होता है संत रामपाल जी महाराज पूर्ण संत हैं



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