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Showing posts from 2020

Quran surah

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Quran surah                              Quran surah Al Furqan 25:59ask a baakhabar about the way to achieve that supreme God Kabir.                         Baakhabar sant rampal ji maharaj For more information see www.SupremeGod.org

jesus quotes

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Myth: JESusis God Jesus was a prophet with some supernatural powers sent by Kaal Brahm on this earth.  He was sent from Vishnu Lok (Kabir Sagar, Mohammad Bodh, Jabroot, Mokam 3).      

WISHES TO GURU IN GURUPURNIMA

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True guru First of all lets know the meaning of Guru. "A guru is one who opinions you admire and respect and whose ideas you follow." Lets us know the meaning of Satguru. "A satguru is one who shed us from the cycle of birth and death."shows the right way of worship and the characteristics of ac complete satguru is he himself does the worship of God and there is no difference in his action and speech.                           Only he is a complete satguru who gives naam in three stages and tells the method of sumiran with breathe. Only then the salvation of a living being is possible.               It is also written in Yajurved Adhyay 19 Mantra 25, 26 that a True Guru will elaborate the incomplete sentence of the Vedas. That True Guru Is Saint Rampal Ji Maharaj. Take initiation from the true guru sant rampal ji maharaj.

Srimad Bhagavad Gita

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   Srimad Bhagavad Gita                                                       Srimad Bhagavad Gita Adhyay 2, Shlok 17   Avinashi tu tadviddhi yena sarvam idam tatam vināsham  avyayasyāsya na kashchit kartum arhati                Bhagavad Gita kaal god is saying that Arjun we are all in the cycle of life - death.  Consider only that God (Purna Brahm) as immortal / eternal by whom all these brahmands have been organised.           For more information, see Sadhana TV channel 7:30 pm to 8:30 pm

Stop eating meat

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STOP EATING MEAT Eating meat is a henious sin one should never eat meat. we are killing innocent animal for the taste of our tongue but we forget that if someone will kill us like we kill animal than what will happen.we are not thinking abou all these. animals also have a heart.                                   Eat meat   they also have a feelings. if someone will hurt our child we will go and  fight with that person because we feel sad for our children. so why should we forget that in these earth we all are children of that supreme God and if we are hurting any creature we are hurting our God. one incurs a grave sin by killing animal. God has laid down the rule that all human beings should be vegetarian.  God gets angry with those who kill animal for the taste of their tongue.  allah did not command to Kill animal.                     Stop killing animals even prophet mohammad never ate meat. Nabi Mohammad is respectable. Who was called the incarnation of God . 

Stories of Jagannath

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Stories of Jagannath To stop the velocity of the sea and get constructed the Jagannath temple  by the Lord Kabir Saheb                 More information Must watch Sadhana TV at 7:30 pm to 8:30 pm

कबीर साहेब की लीलाएं

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कबीर साहेब द्वारा की गई लीला आज हम आपको कबीर साहेब जी ने किन-किन को शरण में लिए हैं उनके  बारे में बताएँगे । कबीर साहेब लगभग आज से 600 साल पहले इस धरती पर आये और बहुत सी पुण्यात्माओं को अपनी शरण में करके चले गए। कबीर साहेब के शिष्यों का जिक्र कबीर सागर में भी मिलता है। कबीर साहेब के 64 लाख शिष्य को अपनी शरण में लिए थे, यह आपने आप में एक बहुत बड़ी बात है। तो चलिए आज हम आपको कबीर साहेब ने क्या-क्या  लीलाएं की उनके  बारे में बताते हैं।                                                          संत गरीबदास जी को शरण में लेना                                                आदरणीय गरीब दास साहेब जी का आविर्भाव सन 1717 में हुआ तथा साहेब कबीर जी के दर्शन दस वर्ष की आयु में सन 1727 में नला नमक खेत में हुआ तथा सतलोक वास सन 1778 में हुआ ।आदरणीय गरीब दास साहेब जी को कबीर साहेब जी सशरीर जिन्दा रूप में  मिले ।                                  आदरणीय गरीब दास साहेब जी अपने नला नमक खेतो में अपने अन्य साथी गवालो  के साथ गाय चारा रहे थे । जो खेत कबलाना गांव की सीमा से सटा हुआ

भगवान कबीर के चमत्कार

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 कबीर साहेब के चमत्कार                                            आज हम  आपको कबीर साहेब के चमत्कार के बारे में बताएंगे। कबीर साहेब लगभग आज से 600 साल पहले इस धरती पर आये और बहुत सी लीलाएं करके चले गए। कबीर साहेब की लीलाओं का जिक्र कबीर सागर में भी मिलता है। कबीर साहेब के 64 लाख शिष्य थे, यह आपने आप में एक बहुत बड़ी बात है। तो चलिए आज हम आपको कबीर साहेब के कुछ चमत्कार के बारे में बताते है।                                                     सिकंदर लोधी बादशाह का असाध्य जलन का रोग ठीक      करना-                                                शाम का समय हो गया था ।बीर सिंह को पता था की इस समय साहेब कबीर जी अपने औपचारिकगुरुदेव स्वामी रामानंद जी के आश्रम में ही होते हैं । यहां समय परमेश्वर कबीर जी का वहा मिलने का हैं । बीर देव सिंह बघेल कशी नरेश तथा सिकंदर लोधी दिल्ली के बादशाह दोनों, स्वामी रामानंद जी के आश्रम के सामने खड़े हो गए । वहा जाकर पता चला की कबीर साहेब अभी नहीं आये हैं, आने ही वाले हैं । बीर सिंह अंदर नहीं गए । बाहर सेवक खड़ा था उससे ही पूछा । सिकंदर ने कहा की

कबीर परमेश्वर को 52 बार मारने का प्रयास किया गया

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हेलो दोस्तो मेरा नाम जसवंत सिंह आज आपको कुछ ऐसा बताने जा रहा हूं जिसको आप सुन कर अश्चकित हो जाओगे । आईये जानते हैं   कबीर परमेश्वर को 52 बार मारने का प्रयास किया गया शेखतकी द्वारा कबीर साहेब को गुंड़ों से मरवाने की  कुचेष्टा निष्फल -             कबीर साहेब के काशी आने के बाद शेखतकी ने सोचा कि यह कबीर तो किसी भी प्रकार नहीं मर रहा। वह कबीर साहेब को मारने के लिए रात्रा के समय कुछ गुंडों को साथ लेकर कबीर साहेब की झोपड़ी पर गया। कबीर साहेब सो रहे थे। शेखतकी ने गुंडों से कहा कि इसके टुकड़े-टुकड़े कर दो। गुंडों ने तलवार से पू                         कबीर साहेब जी के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और अपनी तरफ से मरा हुआ जानकर चल पड़े। जब वे झोपड़ी से बाहर निकले तो पीछे से कबीर साहेब ने उठकर कहा कि पीर जी, दूध पीकर जाना। ऐसे थोड़े ही जाते हैं। शेखतकी व उसके गुंडों ने सोचा कि यह भूत है। वहाँ से भाग गये। उन गुंडों को तो बुखार हो गया। कई दिन तक बुखार नहीं उतरा। कबीर साहेब उनके पास गये और उनको ठीक किया तथा कहा कि यह पीर तुम्हें मरवा कर छोड़ेगा, यह तुम्हें गुमराह कर रहा है। तब उन्होंने कबीर साह

कबीर साहेब जी चारो युग में आते हैं

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कबीर साहेब का परिचय: -                                     विक्रम संवत 1455 (सं। 1398) ज्येशठ मास की पूर्णिमा सुबह-सुबह ब्रह्ममुहूर्त में वह पूर्णदेव कबीर (कविदेव) जी स्वयं अपने मूल स्थान सतलोक से आये कशी में लहर तरलेब के अंदर कमल के फूल पर एक लड़के का रूप धारण किए हुए हैं। कबीर साहेब जी चारो युग में आते हैं: - सतयुग में  सातसुक्रत कह तेरा, त्रेता नाम मुनिंद्र मेरा।  ड्वापर में करुणामय कहाया, कलयुग नाम कबीर धराया ।। सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारो युग प्रमाण। झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान ।। "सतयुग कविदेव (कबीर साहेब) सत सुकृत नाम से प्रकट हुए" पूर्ण प्रभु कबीर जी (कविदेव) सतना में सत सुकृत के नाम से स्वयं प्रकट हुए थे | उस समय गरुड़ जी, श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी, और श्री शिव जी आदि को सत्य ज्ञान था श्री मुनि महर्षि जी को भी तत्वज्ञान समझाना चाहा था | लेकिन श्री मुनि जी ने भगवान के ज्ञान को सत ना जान कार ब्रह्मा जी से सुने वेद ज्ञान पर आधारित होकर और अपने द्वारा निकले वेदों पे निष्कर्ष पर ही आरुढ रहे होंगे। इसके विपरीत भगवान सत सुकृत | जी का

खराब शिक्षा पद्धति

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खराब शिक्षा पद्धति                         भारत में जो शिक्षा पद्धति प्रचलित है, उसके कई पक्षों में सुधार की आवश्यकता है। हमारी शिक्षा व्यवस्था पर एक वृहत् जनसमूह को शिक्षित करने का दायित्व है। साधन और संसाधन बहुत सीमित हैं, परिस्थितियाँ भी अनुकूल नहीं हैं, फिर भी हम लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर प्रयत्नशील हैं। फिर भी हम दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ें तो इस निराशाजनक स्थिति से उभर सकते हैं। अगर कुछ चुनौतियों की बात करें तो - 'सबके लिए शिक्षा' की सुविधा उपलब्ध करवाना                                                                     शिक्षित व्यक्ति से यह अपेक्षा की जानी चाहिए कि वह इस लक्ष्य प्राप्ति में सहयोग प्रदान करे। 'हर एक सिखाता है एक' का नारा इस दिशा में सफलता दिला सकता है। इसके लिए सरकारी तंत्र के साथ स्वयंसेवी और सामाजिक संगठनों को भी जोड़ना होगा। विद्यालयों में संख्यात्मक नामांकन की वृद्धि की बजाय न्यूनतम अधिगम स्तर पर ध्यान दिया जाना चाहिए।    स्वतंत्रता के बाद हमने सबके लिए शिक्षा प्राप्ति पर तो ध्यान दिया, पर सबके लिए समान गुणवत्ता वाली शिक्षा

Nostradamus prophecy

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क्या आपको 🤔 पता है भविष्यवाणी क्या होती है❓ये सच भी होता है या नहीं। आईए आज इसी बात पर चर्चा करते हैं भविष्यवाणी क्या होती है किसी मसीहा को जो संदेश मिलता है वो उन्हे दूसरों को दिखाता है। इसे ही पूर्वानुमान या 'प्रोफेसी' कहते हैं। ऐसे संदेशों के अन्तर्गत दैवी प्रेरणा, अर्थ समझाना, या आने वाली घटनाओ को पहले ही बता देना आदि आते हैं। इस प्रक्रिया में प्रोफेट की तरफ से भी दैवी स्रोत से कुछ पूछा या शंका प्रकटित की जाती है।  अब आपको हम ये भी बताते हैं की क्या ये सच भी होता है बताये विश्व विजयेता संत: - "(संत रामपाल जी महाराज की मुख में हिन्दुस्तान विश्व धर्मगुरु के रूप में प्रतिष्ठित होगा) "संत रामपाल जी के विषय में" नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी "फ्रेंच (फ्रांस) देश के नास्त्रेदमस नामक प्रसिद्ध भविष्यवक्ता ने अनुमानित (इ.स.) 1555 में एक हजार श्लोकों में भविष्य की सांकेतिक शनि भविष्यवाणियों लिखी हैं। सौ - सौ श्लोकों के दस। शतक बनाए हुए हैं। वर्तमान से अब तक सभी सिद्ध हो चुके हैं। हिंदुस्तान में हो चुकी भविष्यवाणी : -  1. भारत की पहली महिला प्रधानमन